Tuesday 24 January 2012

गर्व से कहो भारतीय हूँ भारत मेरा देश है


हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई
जाति धर्म अनेक है,
भाईचारा, दया प्रेम का
भाउकता समावेश है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥

बोली-भाषा वेश-भूषा
रंग-रुप अनेक है,
मिलजुल के रहते हम सब
भेद-भाव न कोई द्वेष है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ 
भारत मेरा देश है" ॥

सर्दी-गर्मी सावन पतझड
मौसम यंहा अनेक है,
पर्वत झरने सागर नदिय़ां 
कहते हम सब एक हैं ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ 
भारत मेरा देश है" ॥

होली दिवाली ईद बैसाखी
पर्वो का ये देश है,
रंग-विरंगी संस्क्रति का
सुन्दर सा समावेश है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ 
भारत मेरा देश है" ॥

सबसे पुरानी सभ्यता का
मिलते यंहा अवशेष है,
सबसे सुन्दर सबसे न्यारा
प्यारा मेरा देश है ॥
"गर्व से कहो भारतीय हूँ 
भारत मेरा देश है" ॥

सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी


Monday 23 January 2012

दयालुता


पर पीड़ा से दुःख पहुंचे जो 
प्राणियों से प्रेम करता है,
करुणामय हर्दय जिसका 
"दयालुता" कहलाता है ||

सत्य का साथी झूठ विरोधी 
जो मानव अपनाता है,
"दयालुता" धर्म निभाकर 
"मानवता" कहलाता है ||

दयालु जीवन पाकर के जो 
परोपकारिता करता है,
दया धर्म और कर्म है पूजा
सबसे बड़ा धर्म निभाता है ||

छोड़ के "दयालुता" को जो 
अभिमानी बन जाता है, 
बिन "दया" के मानव ना ओ 
जानवर भी नहीं रह जाता है ||

पहला  गुण मानव का ये 
"दयालुता" कहलाता है,
"दयालुता" धर्म निभाकर 
"मानवता" कहलाता है ||


सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी

Sunday 1 January 2012

नव वर्ष की हार्दिक सुभकामनाएं

सुखद भविष्य की मंगलकामनाओं  साथ आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक सुभकामनायें ।  ये नव वर्ष आपके जीवन मे ढेरों खुशियां लाये, आपको बहुत सारा प्यार मिले, धन मे बढोत्तरी हो और आप सफ़लता की बुलन्दियो को छुंते हुये सदा आघे बढे इन्ही सुभकामनाओ के साथ एक बार फिर नव वर्ष की हार्दिक सुभकामनाएं ।

नव वर्ष के नव किरण से
नया सवेरा हो गया है ।
बीत गये जो पल बुरे थे
अंधियारा सब मिट गया है ॥

नयी ऊमंगे नयी तरंगे
हर दिल मे नया जोश भरा है ।
सुख समृधी और खुशहाली
नव वर्ष ले कर आ गया है ॥

क्रोध, ईर्ष्या, लालस, मनसा
दूर हमसे भाग चला है ।
दया, प्रेम और भाईचारा
का मानवता जाग गया है ॥

जीवन के इस पथ पर हमने
कदम एक ओर बढा दिया है ।
हंसते गाते कदम बढायें
बस थोडा सा रह गया है ॥

क्या खोया क्या पाया हमने
इस वर्ष जो बीत चुका है ।
पर्वत जैसा दिखने लगा था
पल भर मे ओ बीत चुका है ॥

हंसते गाएं खुशी मनाये
नव वर्ष जो आया है ।
बढते जायें कदम बढायें
शुख समृधी लाया है

नव वर्ष के नव किरण से
नया सवेरा हो गया है ।
बीत गये जो पल बुरे थे
अंधियारा सब मिट गया है ॥

@ विनोद जेठुडी । 

शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ - 2022

 शिक्षा का दान करने वाले महान होते हैँ ।  शिक्षक के रुप मे वह, भगवान होते हैँ ॥  शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ