Tuesday 10 February 2015

देश का दिल दिल्ली मे आज बजी सहनाई

देश का दिल दिल्ली मे आज बजी सहनाई
कहीँ मनायीँ गयी खुशियाँ, और कहीँ हुयी रुसवाई
जो भी सीँटे पायी थी, ओ भी आज गवाँयी
ओवर कौन्फिडेँट  ने आज, बीजेपी को है डुबाई

बेदी को कैप्टन बना कर, खुद ही नाव डुबाई
क्या जितायेगी दूसरोँ को जो खुद ही जीत न पाई
बहुमत से सरकार बनेगी, थी ये चर्चा सारी
मोदी लहर की दिल्ली मे, आँधी पहुँच न पाई

15 साल से दिल्ली को लूटती रही ओ काकी
माखन ही सी.एम बनेगेँ बोलते थे पप्पु भाई
50 सालोँ की मेहनत ने आज, जीरो मे सिमटाई   
जनता जनार्धन ने, कैसे उनको, आज फटकार लगाई

49 दिनो मे जो सिखा था, ओ 67 बनकर के आई
70 भी ले आते अगर, सरकार न होती गिरायी
दुसरोँ का हाथ पकडना, रास न उनको आई
रिकोर्ड तोड सीटो से, बहुमत की सरकार बनायी

बँगला, गाडी लूँगा अब तो लूँगा सब सरकारी
ईलाज भी करवाउँगा और खाँसी की लूँगा दवाई
हर मुद्दे मे सी एम अब, करेगा खुद सुनवाई
जो बोला था सब करुँगा, चँदे की ईंक्वारी

देश का दिल दिल्ली मे आज बजी सहनाई
कहीँ मनायीँ गयी खुशियाँ, और कहीँ हुयी रुसवाई
जो भी सीटेँ पायी थी, ओ भी आज गवाँयी
ओवर कौन्फिडेँट ने आज, बीजेपी को है डुबाई


विनोद जेठुडी, 02/10/2015 @ 01:00 P.M  

शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ - 2022

 शिक्षा का दान करने वाले महान होते हैँ ।  शिक्षक के रुप मे वह, भगवान होते हैँ ॥  शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ