अज्ञानता से ज्ञान की ओर, ले जाने वाला ध्योतक
पथ पर्दर्शक, मार्ग दर्शक, हम सब के सुभचिंतक
माता-पिता और भगवान जैसेँ पुज्यनीय हैँ वह शिक्षक
येसे समस्त गुरुजनो को करते प्रणाम होके नत मस्तक
© विनोद जेठुडी, 05/09/2021, 8:30 a.m.
पर पीड़ा से दुःख पहुंचे जो प्राणियों से प्रेम करता है, करुणामय हर्दय जिसका "दयालुता" कहलाता है || सत्य का साथी झूठ विरोधी जो मानव अपनाता है, "मानवता" धर्म निभाकर "दयालुता" कहलाता है || दयालु जीवन पाकर के जो परोपकारिता करता है, दया धर्म और कर्म है पूजा सबसे बड़ा धर्म निभाता है || छोड़ के "दयालुता" को जो अभिमानी बन जाता है, बिन "दया" के मानव न ओ दानव कहलाता है || पहला गुण मानव का ये "दयालुता" कहलाता है, "मानवता" धर्म निभाकर "दयालुता" कहलाता है ||
अज्ञानता से ज्ञान की ओर, ले जाने वाला ध्योतक
पथ पर्दर्शक, मार्ग दर्शक, हम सब के सुभचिंतक
माता-पिता और भगवान जैसेँ पुज्यनीय हैँ वह शिक्षक
येसे समस्त गुरुजनो को करते प्रणाम होके नत मस्तक
शिक्षा का दान करने वाले महान होते हैँ । शिक्षक के रुप मे वह, भगवान होते हैँ ॥ शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ