हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई
जाति धर्म अनेक है,
भाईचारा, दया प्रेम का
भाउकता समावेश है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
बोली-भाषा वेश-भूषा
रंग-रुप अनेक है,
मिलजुल के रहते हम सब
भेद-भाव न कोई द्वेष है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
सर्दी-गर्मी सावन पतझड
मौसम यंहा अनेक है,
पर्वत झरने सागर नदिय़ां
कहते हम सब एक हैं ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
होली दिवाली ईद बैसाखी
पर्वो का ये देश है,
रंग-विरंगी संस्क्रति का
सुन्दर सा समावेश है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
सबसे पुरानी सभ्यता का
मिलते यंहा अवशेष है,
सबसे सुन्दर सबसे न्यारा
प्यारा मेरा देश है ॥
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी