चाहे फूलोँ के महल मे हो आशियाना
हो चाहे झुग्गी- झोपडी मे रहना
नीन्द जँहा सकून की आ जाए मेरे दोस्तोँ
वही है सुखी जीवन का असली मे जीना
सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी
पर पीड़ा से दुःख पहुंचे जो प्राणियों से प्रेम करता है, करुणामय हर्दय जिसका "दयालुता" कहलाता है || सत्य का साथी झूठ विरोधी जो मानव अपनाता है, "मानवता" धर्म निभाकर "दयालुता" कहलाता है || दयालु जीवन पाकर के जो परोपकारिता करता है, दया धर्म और कर्म है पूजा सबसे बड़ा धर्म निभाता है || छोड़ के "दयालुता" को जो अभिमानी बन जाता है, बिन "दया" के मानव न ओ दानव कहलाता है || पहला गुण मानव का ये "दयालुता" कहलाता है, "मानवता" धर्म निभाकर "दयालुता" कहलाता है ||
शिक्षा का दान करने वाले महान होते हैँ । शिक्षक के रुप मे वह, भगवान होते हैँ ॥ शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ
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