हम सभी भारतियोँ के
लिए यह गर्व कि बात है कि आज जब विश्व के और देशोँ की अर्थ ब्यवस्था जंहा डमाडोल
रही है वँही हमारे देश की अर्थ ब्यवस्था दिन प्रतिदिन मजबूत होती जा रही है और देश
प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ रहा है ।
इस बात ने मुझे
सोचने पे मजबूर कर दिया कि आखिर इन दो सालो मे येसा क्या हुआ जो पहले नही होता था
या जो पहले क्या होता था जो शायद अब नही हो रहा है तो मुझे जबाब मिला “घोटाला”
पहले घोटाले पे
घोटाले सुनने को मिलते थे और उन्ही घोटालोँ को मैने एक कविता के माध्यम से आपके
सम्मुख रख रहा हूँ ।
अगर हमारे देश मे “घोटाले”
(corruption) भ्रष्टाचार बन्द हो जाए तो भारत
को फिर से सोने की चिडिया बनने से कोई नही
रोक सकता ।
घोटाले पे घोटाला, घोटाले पे घोटाला
घोटाले का घोटाला, घोटाले मे भी घोटाला
कलमाडी ने कौमनवेल्थ का, जूस बना के पी डाला
2 जी का आन्नद ले गये, कन्नेमोझी और ए राजा
अपनो को ही बेच दिया था, देश का किमती ओ कोयला
जँहा देखो वँहा हो रहा था, घोटाले पे घोटाला
अच्छे अच्छे नामोँ का तो अर्थ ही इन्होने बदल
डाला
आदर्श, शारदा, सत्यम जैसे नामोँ को कलँकित कर
डाला
वक्फ बोर्ड की भूमी और स्टीँग का ओ तहलका
जँहा देखो वँहा हो रहा था, घोटाले पे घोटाला
चौपर तो उडता था लेकिन, ट्रेन, ट्रक तक उडा डाला
शहिदोँ के ताबूत खरिदे, उसमे भी देखो घोटाला
देश के रक्षा सौदोँ मे बोफोर्स हमे आज याद आया
जँहा देखो वँहा हो रहा था घोटाले पे घोटाला
सँसद के अन्दर ले गये थे पैसोँ के भरके ओ थैला
बोट के बदले नोट दिये थे, दिया उन्होने हवाला
लख्खु पाठक, हर्षद मेहता, सुदीप्तो घोष का
बोलबाला
जँहा देखो वँहा हो रहा था घोटाले पे घोटाला
शिक्षा मे भी भिक्षा ले के फँसे बेचारा चौटाला
डी एल एफ की जमीन दिला दी, अपना ही था घरवाला
दुनिया वाले भाड मे जाये, खुश रहो तूम जवाईँ राजा
जँहा देखो वँहा हो रहा था घोटाले पे घोटाला
चँदा ले के चाँदनी मे सफेद किया क्या कुछ काला
मुझे तो लगे इसमे भी था कुछ न कुछ तो घोटाला
काली रात की काली कमाई का पता अभी तक न चल पाया
जँहा देखो वँहा हो रहा था, घोटाले पे घोटाला
राज भवन मे बैठ बैठ के किया उन्होने ऊलाला
क्रष्ण कन्हैया बने रहे और रचते रहे राशलीला
मरने की जब बारी आयी, अब जा के हुआ जयमाला
जहँ देखो वँहा हो रहा था, घोटाले पे घोटाला
काला धन उनका आज, सड रहा है स्विशशाला
अब ओ सब पछताएँगे जब होगा उनका मुँह काला
बडी मुस्किल से जोडा होगा, करके एक एक घोटाला
जँहा देखो वँहा हो रहा था घोटाले पे घोटाला
घोटाले पे घोटाला, घोटाले पे घोटाला
घोटाले का घोटाला, घोटाले मे भी घोटाला
जँहा देखो वँहा हो रहा था घोटाले पे घोटाला
जँहा देखो वँहा हो रहा था घोटाले पे घोटाला
© विनोद जेठुडी, ०३/०७/२०१६
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