Monday 23 January 2012

दयालुता


पर पीड़ा से दुःख पहुंचे जो 
प्राणियों से प्रेम करता है,
करुणामय हर्दय जिसका 
"दयालुता" कहलाता है ||

सत्य का साथी झूठ विरोधी 
जो मानव अपनाता है,
"दयालुता" धर्म निभाकर 
"मानवता" कहलाता है ||

दयालु जीवन पाकर के जो 
परोपकारिता करता है,
दया धर्म और कर्म है पूजा
सबसे बड़ा धर्म निभाता है ||

छोड़ के "दयालुता" को जो 
अभिमानी बन जाता है, 
बिन "दया" के मानव ना ओ 
जानवर भी नहीं रह जाता है ||

पहला  गुण मानव का ये 
"दयालुता" कहलाता है,
"दयालुता" धर्म निभाकर 
"मानवता" कहलाता है ||


सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी

5 comments:

  1. dayaluta ko bahut sundar dhang se paribhashit kiya hai aapne.. badiya rachna

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  2. Bahut bahut dhanybaad kavita bahan ji aap ne rachna ko padha evm pasand kiya achha laga..

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  3. दयालुता ...अपने आप में सम्पूर्ण शब्द हैं ...
    आपके शब्दों में इसकी व्याख्या ,,....बहुत खूब

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  4. बहुत सार्थक सन्देश..सुन्दर प्रस्तुति

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  5. धन्यबाद अनु जी एवं कैलाश जी ..

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