हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई
जाति धर्म अनेक है,
भाईचारा, दया प्रेम का
भाउकता समावेश है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
बोली-भाषा वेश-भूषा
रंग-रुप अनेक है,
मिलजुल के रहते हम सब
भेद-भाव न कोई द्वेष है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
सर्दी-गर्मी सावन पतझड
मौसम यंहा अनेक है,
पर्वत झरने सागर नदिय़ां
कहते हम सब एक हैं ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
होली दिवाली ईद बैसाखी
पर्वो का ये देश है,
रंग-विरंगी संस्क्रति का
सुन्दर सा समावेश है ।
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
सबसे पुरानी सभ्यता का
मिलते यंहा अवशेष है,
सबसे सुन्दर सबसे न्यारा
प्यारा मेरा देश है ॥
"गर्व से कहो भारतीय हूँ
भारत मेरा देश है" ॥
सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी
२६ जनवरी की शुभकामनयें
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
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कल 26/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
धन्यबाद अनु जी एवं माथुर जी ... मै कल पुराणी हलचल पर जरुर दस्तक दूँगा ..
Deleteहार्दिक शुभकामनाएँ..... हाँ , भारतीय होने पर गर्व है मुझे भी.....
ReplyDeleteअच्छी रचना...
ReplyDeleteआपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ ..
मेरे ब्लॉग पर पधारने का शुक्रिया...
हिंदी हैं हम वतन है हिन्दुस्तान हमारा ...
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस और आज बसंत पंचमी की शुभकामनायें ...
चैतन्य जी, विद्या जी और दिगंबर जी आप सबका सुक्रिया ब्लॉग पर दस्तक देते हुए रचना को पढ़ने के लिए .. बसंत पंचमी कि सुभकामनाये आप को भी ..
ReplyDeleteजय भारत ..
बहुत बढ़िया विनोद जी
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