गमो की लहरो में ख़ुशी का तिनका
तैरते-तैरते पार आ गया ।
कुछ ही पल किनारे पर रहा
कि तेज लहरो में फिर बह गया ॥
सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी
६ जनवरी २०१४ @ 4:45 PM
पर पीड़ा से दुःख पहुंचे जो प्राणियों से प्रेम करता है, करुणामय हर्दय जिसका "दयालुता" कहलाता है || सत्य का साथी झूठ विरोधी जो मानव अपनाता है, "मानवता" धर्म निभाकर "दयालुता" कहलाता है || दयालु जीवन पाकर के जो परोपकारिता करता है, दया धर्म और कर्म है पूजा सबसे बड़ा धर्म निभाता है || छोड़ के "दयालुता" को जो अभिमानी बन जाता है, बिन "दया" के मानव न ओ दानव कहलाता है || पहला गुण मानव का ये "दयालुता" कहलाता है, "मानवता" धर्म निभाकर "दयालुता" कहलाता है ||
शिक्षा का दान करने वाले महान होते हैँ । शिक्षक के रुप मे वह, भगवान होते हैँ ॥ शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ
बहुत खूब ... खुशियां टिकती नही बहुत देर ....
ReplyDeletesukh dukh jiva me laga huwa hai par
ReplyDeleteऐसी ख़ुशी का क्या करना जो गमो का पहाड़ ले कर आये .....