Saturday, 25 January 2014

चार दिन की चाँदनी

जीवन के हर पल को जी भर के जियो 
चार दिन की चाँदनी में रोशन रहो ……। 
जिंदगी का क्या पता, कब कैसा गम दे जाय ?
कि जीवन में फिर खुशी, नसीब ही न हो ॥ 


सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी
25  जनवरी, 2014 @ 7:45 A.M

Thursday, 23 January 2014

संघर्ष - जीवन और मृत्यु के बीच

नहाने गया था नदी किनारे 
यों फिसला कि बह गया....। 
संघर्ष काफी किया था उसने 
पर तेज भॅवर में फंस गया ॥ 

लहरों में ओ बहता जाता। …..
कभी डुबता कभी ऊपर आता । 
तैरना उसको आता नहीं था …
फिर भी तैरने कि कोशिस करता ॥ 

एक समय तो यों भी आया 
जैसे मानो जीत गया .…। 
किनारे तक बस पहुँच ही चुका था 
फिर तेज लहरों में बह गया.…॥ 

संघर्ष करना काम था उसका 
संघर्ष उसने काफी किया  ....। 
बाहर से हौसला हमने भी दिया पर,
होनी को न टाल सका …॥ 

ऊफ्फ , कैसा मंजर रहा होगा ओ 
जब ओ उससे गुजरा होगा। … ।  
भगवान्, उस आत्मा को शांति देना 
येसा कभी किसी के साथ न करना। . ॥ 



सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी
23  जनवरी, 2014 @ 6:55 A.M

Wednesday, 22 January 2014

सुःख - दुःख

मेरा ये तजुर्बा कहता………....!
दुःख के बाद फिर सुःख है आता..।  
पर, हर इंसान के जीवन में .... 
सुःख  कम और दुःख है जादा....॥   


सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी
22 जनवरी, 2014 @ 6:55 A.M


Tuesday, 21 January 2014

होनी का होना

कोइ कहता है, ओ लेने आया था अपना 
पुनर्जन्मों के कर्मो की सजा को भोगना 
कोइ कहता ग्रहो की दशा का बिगड़ना 
कोइ कहता है लिखा था होनी का होना 
मै कहता हूँ येसा भी क्या था ओ लिखना ?
जिस लिखाई को लिखते ही था मिट जाना !
सोचता हूँ ऐसा क्यों था मेरे साथ होना ?
ओ दिया ही क्यों था जिसे वापस लेना ? - ४ 



सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी
21 जनवरी, 2014 @ 6:40 A.M

पल भर की खुशी और जिंदगी भर का गम

ओ मेरी जिंदगी में क़ुछ इस तरह से आया 
और चला भी गया.……………………।  
कि पल भर की खुशी दे के जिंदगी भर का
गम दे गया। …………………………॥ 



 सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी
21 जनवरी, 2014 @ 6:40 A.M

Monday, 20 January 2014

दुखों के पहाडॊं तले खुशी का मकान


दुखों के पहाडॊं तले खुशी का मकान
यों दबा कि, मिट गया नामो निशान ।
खुशी की खुशी को खुशी से लौटा दे
अभी भी आश्था बची है भगवान ...॥



सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी
20 जनवरी, 2014 @ 6:58 A.M

Monday, 6 January 2014

खुशी कम जादा गम


गमो की लहरो में ख़ुशी का तिनका
तैरते-तैरते पार आ गया । 
कुछ ही पल किनारे पर रहा  
कि तेज लहरो में फिर बह गया  ॥ 



सर्वाधिकार सुरक्षित @ विनोद जेठुडी
६ जनवरी २०१४ @ 4:45 PM

शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ - 2022

 शिक्षा का दान करने वाले महान होते हैँ ।  शिक्षक के रुप मे वह, भगवान होते हैँ ॥  शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ