Monday 20 January 2014

दुखों के पहाडॊं तले खुशी का मकान


दुखों के पहाडॊं तले खुशी का मकान
यों दबा कि, मिट गया नामो निशान ।
खुशी की खुशी को खुशी से लौटा दे
अभी भी आश्था बची है भगवान ...॥



सर्वाधिकार सुरक्षित © विनोद जेठुडी
20 जनवरी, 2014 @ 6:58 A.M

3 comments:

  1. आशा हो तो जरूर पूरी होगी ...

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  2. dhanywaad Digamber ji.... Usi aasha ke sahare jiye jaa rahe hai ..

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शिक्षक दिवस की सुभकामनाएँ - 2022

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